Hello friends,
स्वागत है आपका हमारे पोस्ट पर। आज का हमारा विषय कि सोने का सही तरीका क्या होना चाहिए और हमें किस दिशा में सोना चाहिए? चलिए शुरु करते हैं
सोने का सही तरीका जानिये -
अच्छी नींद लेने में हमें अपने सोने के पॉस्चर पर ध्यान रखना पड़ता है। सोने में अगर हमारा पॉस्चर गलत है तो एक तो अच्छी नींद के आवश्यक घंटे पूरे नहीं होते, दूसरे, शरीर के अंगों में दर्द शुरू हो जाता है। यह दर्द लम्बे समय में हमारी मांसपेशियों, नसों और हड्डियों को कमजोर कर उसमें विकृति उत्पन्न कर देता है। सोने के पॉस्चरों की गिनती करना मुश्किल है। कोई करवट के बल सोता है, कोई पीठ के बल सोता है, कोई पेट के बल सोता है। कोई सिर के नीचे तकिया रखता है तो कोई पैर के नीचे तकिया रखता है। कोई हाथ को ही तकिया बनाकर सिर के नीचे रखता है। किस व्यक्ति के लिए कौन सा पॉस्चर अधिक उपयोगी है, इसका निर्धारण सही ढंग से डॉक्टर ही कर सकते हैं। अच्छी नींद लेना न केवल प्राकृतिक तानेबाने के अनुरूप है, बल्कि शरीर की जरूरत है। अच्छी नींद लेने से शरीर और मन फिर से तरोताजा हो जाते हैं और हम स्फूर्ति से अपने दैनिक कार्य में जुट जाते हैं। लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि इस दौरान आपका पॉस्चर सही होना जरूरी है।
पीठ के बल सोना पीठ के बल सोने में शरीर तना हुआ होता है और आखें छत की ओर होती हैं। इस स्थिति में कई लोग सिर के नीचे तकिया रखते हैं तो कुछ बिना तकिया के सोते हैं। फायदा इस पॉस्चर में नाक हवा में होती है, जिससे सांस लेने में बेहतर हवा मिलती है। इसमें पीठ सीधी होती है, जिससे पीठ में अकड़न नहीं आती।
नुकसान जिन लोगों को स्लीप एप्निया नामक बीमारी होती है, वह इस पॉस्चर में बढ़ जाती है। इस पॉस्चर में सोने वाले लोगों को खर्राटे भरने की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। करवट के बल सोना कई लोग करवट के बल सोते हैं। कोई बाएं करवट के बल सोता है तो कोई दाएं करवट। ज्यादातर लोग मानते हैं कि बाएं करवट सोना अधिक फायदेमंद है। इस बारे में कोई ठोस रिसर्च नहीं हो पाया है, लेकिन डॉक्टर बाएं करवट के बल सोने को अधिक फायदेमंद मानते हैं।
फायदा बाएं करवट के बल सोने से अम्लीय संचार बेहतर होता है। इस पोस्चर में पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है। इससे शरीर स्वच्छ होता है। इसमें रक्त संचार की प्रक्रिया अधिक तेज हो जाती है, जो शरीर के लिए बेहतर होता है।
नुकसान इस पॉस्चर में पेट और फेफड़े पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। गर्दन पर दबाव पड़ता है। पेट के बल सोना जिन लोगों को खर्राटे भरने की बीमारी होती है, उनके लिए यह पॉस्चर काफी फायदेमंद होता है। वैसे रीढ़ की हड्डियों के लिए यह नुकसानदेह है। सोने का सही तरीका सोने का सही तरीका इस बात पर निर्भर करता है कि आप पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति हैं या आपको कोई बीमारी है। अगर आप पूरी तरह स्वस्थ हैं तो ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि बाएं करवट के बल सोना सबसे अच्छा तरीका है। इस पॉस्चर में आपके शरीर के सारे विषैले पदार्थों का निकास अपेक्षाकृत तेजी से होता है। इस पॉस्चर में पैंक्रियाज आदि कई ग्लैंड्स की स्थिति ऐसी बनती है कि वे सबसे बेहतर तरीके से काम करते हैं। लेकिन अगर आपकी गर्दन में दर्द रहता है तो इस पॉस्चर से दर्द बढ़ सकता है। इस पॉस्चर में अगर पैर सीधा करके सोते हैं तो ठीक है। अगर आप पैर मोड़कर सोते हैं तो दोनों पैर के बीच मुलायम तकिया रखना फायदेमंद होगा। सिर के नीचे पतला तकिया रखना अच्छा माना जाता है। वसंत कुंज स्थित इंडियन स्पाइनल इंज्युरीज सेंटर के ऑर्थोपेडिक्स और ऑर्थो ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ़ सुधीर कपूर का कहना है कि सोने में हमें सिर और गर्दन दो अंगों पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। सोने का पॉस्चर जो भी हो, लेकिन सिर और गर्दन की स्थिति एकदम सामान्य होनी चाहिए।
किस दिशा में सिर रखकर सोना चाहिये
दिन भर की थकान के बाद हम बिस्तर पर पंहुचते ही गहरी नींद में सो जाना चाहते हैं, लेकिन कई बार हम सोते समय ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य और शरीर की कार्यप्रणाली पर विपरीत प्रभाव डालती हैं, इन्ही गलतियों से एक है सही दिशा की ओर मुंह या पैर करके न सोना, आमतौर पर लोग इसे अन्धविश्वास मानते हैं, लेकिन हम आपको बता दें की सही दिशा में मुंह करके सोने का सिर्फ अध्यात्मिक कारण ही नही हैं बल्कि इसके वैज्ञानिक कारण भी हैं, आज हम आपको चारों दिशाओं की ओर मुंह करके सोने से होने वाले प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं।
दक्षिण की ओर रखें सिर
सोते समय सिर को दक्षिण दिशा की ओर से रखना बेहतर माना जाता है, ऐसी स्थिति में आपके पैर उत्तर दिशा की ओर होंगे जिससे चुम्बकीय शक्ति के कारण न सिर्फ आपको नींद बेहतर आती है बल्कि आप काफी सकारात्मक भी रहते हैं।
उत्तर की ओर सिर रखने से क्या होता है
चूँकि पृथ्वी में जो चुम्बकीय शक्ति होती है उसका प्रवाह दक्षिण से उत्तर की ओर होता है, इसलिए उत्तर की ओर सिर रखकर सोने से बेचैनी, अनिद्रा तथा और भी कई समस्याएं हो सकती हैं।
पूर्व और पश्चिम दिशा का प्रभाव
आप चाहें तो पूर्व की ओर भी सिर रख के सो सकते हैं, दरअसल सूर्य भी पूर्व दिशा की ओर से निकलता है, इसलिए पूर्व की ओर सिर रखकर सोने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, जबकि इसके विपरीत पश्चिम दिशा की ओर सिर रखकर सोने से शरीर में कई बीमारियों और आलस्य का आगमन होता है।
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